आतंकवाद पर निबंध 1000 शब्दों में | Aatankwad par nibandh

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विद्यार्थियों इस लेख में आपको आतंकवाद पर निबंध 1000 शब्दों में पढ़ने के लिए मिलेगा जिसे आप पढ़कर अपनी परीक्षा में लिखकर अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हो। आतंकवाद पर निबंध लिखना विद्यालय में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को होता है। अगर आप भी एक विद्यार्थी हैं तो इस Aatankwad par nibandh लेख के निबंध को आपको अवश्य पढ़ना चाहिए।

आतंकवाद पर निबंध 1000 शब्दों में

 

आतंकवाद पर निबंध 1000 शब्दों में

रूपरेखा -

  1. प्रस्तावना
  2. आतंकवाद का अर्थ
  3. आतंकवाद का कारण
  4. आतंकवाद के प्रकार
  5. आतंकवाद के दुष्परिणाम
  6. आतंकवाद की समस्या का समाधान
  7. उपसंहार


प्रस्तावना

आतंकवाद हिंसा का एक ऐसा गैर कानूनी तरीका है जो कि लोगों को डराने के लिए वे लोगों में दहशत फैलाने के लिए आतंकवादियों द्वारा प्रयोग किया जाता है। आतंकवाद लगभग विश्व के सभी देशों में फैला हुआ है। हमारा देश भारत भी कई सालों से आतंकवाद से लड़ रहा है। आतंकवाद में आतंकवादियों द्वारा बेकसूर लोगों को मारा जाता है और उनसे अपने मन मुताबिक काम करवाया जाता है आतंकवाद देश की शांति को खत्म करता है। जो लोग आतंकवाद का साथ देते हैं और आतंकवाद को फैलाते हैं उन्हें आतंकवादी कहा जाता है। आतंकवाद की जड़े बहुत गहराई तक फैली हुई है। आतंकवादियों के पास कोई नियम कानून नहीं होते और ना ही वह किसी नियम कानून का पालन करते हैं। आतंकवादी हिंसात्मक गतिविधियों द्वारा समाज वें देश में आतंक के स्तर को बढ़ाते और उत्पन्न करते हैं।


आतंकवाद का अर्थ

आतंक फैलाना या आतंकवाद को बढ़ावा देना ही आतंकवाद का अर्थ होता है। आतंकवाद एक प्रकार की हिंसात्मक गतिविधि होती है। और इसी ही हिंसात्मक गतिविधि को कुछ लोगों के समूह द्वारा अंजाम देने की प्रक्रिया को ही आतंकवाद कहा जाता है।


आतंकवाद के कारण

आज हमारे देश में तेजी से बढ़ती जनसंख्या, बेरोजगारी, गरीबी भुखमरी आदि की वजह से कई लोग परेशान होकर आतंक का रास्ता अपना लेते हैं। कई लोग बेरोजगारी के कारण आतंकवाद का रास्ता अपना लेते हैं। कुछ ऐसे लोग होते हैं जो इन लोगों की गरीबी बेरोजगारी एवं भुखमरी से परेशानी का फायदा उठा कर इन्हें बहला फुसलाकर आतंक के रास्ते पर धकेल देते हैं।



आतंकवाद के कारण

जब भी किसी देश की राजनीतिक, सामाजिक, प्रशासनिक और न्यायिक व्यवस्था आम नागरिकों के प्रति बहुत संवेदनशील बन जाती है तब आतंकवाद उत्पन्न होता है।


सरकार द्वारा नागरिकों की समस्याओं को हल करने का वादा किया जाए परन्तु उनका समाधान ना किया जाए यह भी आतंकवाद उत्पन्न होने का कारण बन जाता है।


जब देश में गरीबी और बेरोजगारी बढ़ जाती है तो कुछ लोग इन बेरोजगार लोगों का फायदा उठाकर इन्हें आतंक के रास्ते पर पैसों का लालच देकर भेज देते हैं।


कई देशों में कुछ राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए इन आतंकवादी समूह का सहयोग करते हैं। आतंकवाद के जरिए चुनाव को जीत जाते हैं और चुनाव जीतने के बाद भी इन आतंकवादियों का सहयोग करते रहते हैं। जिससे आतंकवाद और ज्यादा मजबूत होता रहता है।


भ्रष्टाचार भी आतंकवाद को जन्म देता है जब बेरोजगार युवा देखते हैं कि देश में भ्रष्टाचार बहुत अधिक बढ़ रहा है तो वह गुस्सा होकर आतंकवाद का रास्ता अपना लेते हैं।


आतंकवादी समूह अक्सर ऐसे लोगों पर नजर रखते हैं जो लोग अपने जीवन से असंतुष्ट हैं और अपने समाज से नाराज हैं। यह देखकर यह आतंकवादी समूह इन सामान्य नागरिकों को अपने जाल में फसाकर आतंकवादी बना देते हैं।


लोकतांत्रिक देशों में कुछ असामाजिक तत्व अलग-अलग धर्म के लोगों के बीच लड़ाई करवाते हैं। जिससे भी आतंकवाद बढ़ता है।


आतंकवाद के प्रकार


आतंकवाद कई प्रकार के होते हैं कुछ मुख्य प्रकार जैसे
  • राजनीतिक आतंकवाद
  • सांप्रदायिक आतंकवाद
  • अपराधिक आतंकवाद

जो व्यक्ति केवल अपने स्वार्थ के लिए ही सामान्य नागरिकों में डर का माहौल बनाता है वें डर फैलाता है उसे राजनीतिक आतंकवाद कहते हैं। और जो लोग अलग-अलग धर्म के लोगों के बीच सांप्रदायिक दंगे करवाते हैं उन्हें सांप्रदायिक आतंकवाद कहा जाता है। जो व्यक्ति किसी का अपहरण कर के पैसों की मांग करें उसे अपराधिक आतंकवाद कहा जाता है।


आतंकवाद के दुष्परिणाम

आतंकवाद की वजह से सामान्य नागरिकों में असुरक्षा की भावना पैदा होती है। आतंकवादी अपनी बातों को मनवाने के लिए डरा कर वे भय का माहौल बनाकर अपनी बातों को पूरा करवाते हैं आतंकवाद क्रिया मानव जाति को बड़े पैमाने पर प्रभावित करती है और लोगों को इतना डरा देती है कि वह लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते हैं।


आतंकवाद की समस्या का समाधान

आतंकवाद ने हमारे इस जीवन को अनिश्चित हुए सुरक्षित बना दिया है। आतंकवाद हम सभी मानव जाति के लिए एक कलंक है इसलिए इसका कठोरता से समाधान किया जाना चाहिए। भारत सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों को बड़े गंभीरता से लिया है और इसे समाप्त करने के लिए भारत सरकार ने बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले व्यक्तियों को कठोर दंड देने का प्रावधान किया गया है। आतंकवादियों को दंड देने तथा उन्हें पकड़ने के लिए आधुनिक साधनों वे तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके लिए जनता को शिक्षित करना भी आवश्यक है जिससे जनता आतंकवादियों से लड़ने में डर का अनुभव ना करें।


आतंकवादियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रयास किए जाने चाहिए। आवश्यकता इस बात की है कि विश्व के सभी देश एक झूठ होकर आतंकवाद को खत्म करने का संकल्प लें जो सभी के हित में होगा।


कुछ राजनीतिक एवं धार्मिक सांप्रदायिक लोग जो आतंक फैलाने का कार्य कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए जो अन्य देशों में बैठकर आतंकवादी संगठन चला रहे हैं वह आतंक को बढ़ावा देते हैं उन सभी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना आवश्यक है।



उपसंहार

आतंकवाद दिनों दिन बढ़ता ही चला जा रहा है जो हमारे देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक समस्या बन गया है। इसे रोकने के लिए पूरे विश्व को एकजुट होकर कार्य करने की जरूरत है। अगर हमें आतंकवाद को जड़ से खत्म करना है तो इसके लिए हमें अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी होगी। हमें अपने बच्चों को सही और गलत का फर्क समझाना होगा। यही बच्चे आगे चलकर हमारे देश का भविष्य बनेंगे वह भारतीय सेवा में जुड़कर आतंकवाद के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ेंगे।


आतंकवादी संगठन एवं आतंकवादी संगठनों को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इसे रोका नहीं गया तो यह संपूर्ण मानव जाति के लिए एक गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है। इसे रोकना बहुत ही आवश्यक है।

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