वसंत ऋतु पर निबंध 500 शब्द, 300 शब्द, 100 शब्द | Basant ritu par nibandh

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वसंत ऋतु जिसे हम बोलचाल की भाषा में बसंत ऋतु भी कहते है। इसे ऋतुराज के नाम से भी जाना जाता है। वसंत ऋतु में हमारे आस पास का पर्यावरण बहुत ही सुंदर हो जाता है इस ऋतु में पेड़ पौधों में नए फूल और पत्तियां आती है। आज के इस लेख में हम आपके लिए वसंत ऋतु पर निबंध (Basant ritu par nibandh) लेकर आए है। अगर आप भी विद्यार्थी है और आपको भी बसंत ऋतु पर निबंध की तलाश थी तो आप इस लेख के बसंत ऋतु पर निबंध को पढ़ सकते हो।

वसंत ऋतु पर निबंध

आप इस लेख के निबंध को पढ़ते हो तो यह बसंत ऋतु पर निबंध आपकी परीक्षा में बहुत काम आ सकता है। आप अगर इस बसंत ऋतु निबंध को अपनी परीक्षा में लिखते हो तो आप के अच्छे अंक जरूर आएंगे।

{Set 1} वसंत ऋतु पर निबंध 100 शब्द | Basant ritu par nibandh

वसंत ऋतु का मौसम बहुत ही सुहावना होता है। वसंत ऋतु को हम सब ऋतुओं का राजा भी कहते हैं। फरवरी और मार्च वसंत ऋतु के बहुत ही खूबसूरत महीने होते हैं। इस ऋतु में चारों ओर तरह-तरह के बहुत ही सुंदर फूल खिलते हैं। शीत ऋतु की ठिठुरती ठंड के बाद यह ऋतु सभी जीवों तथा पेड़ पौधों को खुलकर जीने का अवसर देती है।


वसंत ऋतु से ही दिन बड़े और रात छोटी होने लगती है वसंत ऋतु की सुंदरता को देखकर हमारा मन प्रसन्न हो जाता है इस ऋतु की मनमोहक हवाओं के झोंके दिल को छू जाते हैं तितलियां और भौंरे फूलों पर बैठते है। बाग बगीचों में फूल खिलने के कारण बहुत ही सुंदर रौनक आ जाती है।


बसंत ऋतु में बहुत से त्योहार आते हैं जैसे की होली, बसंत पंचमी और महाशिवरात्रि जैसे कई त्योहारों को हम बड़े धूम धाम से मनाते हैं मुझे बसंत ऋतु का मौसम बहुत ही पसंद है।


{Set 2} वसंत ऋतु पर निबंध 300 शब्द | वसंत ऋतु पर निबंध for class 3

बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा भी कहा जाता है इस ऋतु में प्रकृति अपना पूर्ण सौंदर्य दर्शाती है यह ऋतु शरद ऋतु के पश्चात आती है इस ऋतु को मधु ऋतु, ऋतु राज और कुसुमाकर के नाम से भी जाना जाता है यह वसंत ऋतु सब ऋतुओं से बहुत सुंदर, सुहावनी, आकर्षक और मनमोहक होती है।


बसंत ऋतु आते ही प्रकृति का कण कण मानो खुशियों से भर जाता है व्याप्त हरियाली, फूलों से लदे पेड़ पौधे, सुगंध से युक्त वातावरण मन में प्रसन्नता भर देता है। वसंत ऋतु सदैव ही हिंदी साहित्य के कवियों की प्रिय ऋतु रही है। वसंत ऋतु में पेड़ों के सूखे पत्ते झड़ जाते है और नए पत्ते आने लगते है। हमे भी प्रकृति में चारों और सुंदर फूल खिले हुए दिखाई देते है। खेतों में किसानों की नई फसलें पक जाती है। गेहूं और सरसों से भरे हुए खेत मन को लुभाने लगते है किसानों का मन भी खुशियों से गदगद हो उठता है।


बसंत पंचमी बसंत ऋतु के ही आगमन का त्यौहार है इस दिन लोग ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा करते है और पीले कपड़े पहनते है।


{Set 3} वसंत ऋतु पर निबंध 500 शब्द

प्रस्तावना

भारत देश में वसंत ऋतु को सबसे अच्छा व सबसे सुहावना मौसम माना जाता है। वसंत ऋतु के समय प्रकृति में सब कुछ सक्रिय हो जाता है। और हम सब पृथ्वी पर नए जीवन को महसूस करते हैं। वसंत ऋतु का मौसम सर्दियों के 3 महीने के लंबे अंतराल के बाद आता है जो की खुशियों और जीवन में राहत लाता है। वसंत ऋतु सर्दियों के मौसम के बाद और गर्मियों के मौसम से पहले मार्च, अप्रैल और मई के महीने में आती है।


वसंत ऋतु का आगमन

वसंत ऋतु का आगमन विश्व के विभिन्न देशों में अलग-अलग होता है इसी के साथ ही तापमान भी अलग अलग देशों में अलग अलग होता है। वसंत ऋतु के सुहावने मौसम में कोयल पक्षी गाना, गाना शुरू कर देती है। इसी मौसम में स्वादिष्ट आम भी खाने को मिलते हैं। प्रकृति में सभी जगह फूलों की खुशबू और रोमांच से भरी हुई होती है क्योंकि इस मौसम में सुंदर फूल खिलना आरम्भ हो जाते हैं। पेड़ों पर नए पत्ते आते हैं, आसमान पर बादल छाए रहते हैं, कल कल करती हुई नदियां बहती है आदि। हम सब यह कह सकते हैं की प्रकृति आनंद के साथ घोषणा करती है कि वसंत ऋतु आ गई है। अब यह उठने का समय है।


वसंत ऋतु के मौसम की सुंदरता

वसंत ऋतु के मौसम की सुंदरता और चारों ओर की खुशियां मस्तिष्क को कलात्मक बनाती है और आत्मविश्वास के साथ नए कार्य शुरू करने के लिए शरीर को ऊर्जा देती है। सुबह के समय चिड़ियों की आवाज और रात के समय चांद की शीतल चांदनी दोनों ही बहुत सुहावने लगते है। आसमान भी बिल्कुल साफ दिखता है और हवा भी बहुत ही ठंडी तरोताजा करने वाली चलती है। यह किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मौसम होता है। क्योंकि उनकी फसलें खेतों में पकने लगती है और यह समय उन्हें काटने का होता है।

निष्कर्ष

वसंत ऋतु के आगमन पर सभी किसान अपनी नई फसलों के पकने का इंतजार करते है। सरसों के पीले पीले फूल खिलकर दूर दूर तक अपनी सुगंध फैलाते है। सरोवरों में कमल के फूल खिलकर इस तरह यह फूल पानी को छुपा लेते है जैसे मनुष्यों को संकेत देते है कि अपने जीवन के सारे दुखों को समेट कर खुल के जिंदगी का आनंद ले।

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