पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध 300 शब्दों में, 500 शब्दों में | Paryavaran pradushan nibandh

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विद्यार्थियों इस लेख में हम आपके लिए पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Paryavaran pradushan nibandh) लेकर आए हैं। पर्यावरण प्रदूषण हमारे जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकता है इसलिए हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि पर्यावरण प्रदूषण को कैसे रोका जा सकता है। इस पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध में हमने बहुत विस्तार से पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपाय, पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार, पर्यावरण प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक इन सब टॉपिक को शामिल किया है। जिन्हें पढ़ना आपके लिए जरूरी है। पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध ज्यादातर परीक्षा में आता है।

(Set 1) पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध 300 शब्दों में | Paryavaran pradushan nibandh

प्रस्तावना

पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ है कि वातावरण जिससे जीव जन्तु चारों ओर से ढके हुए हैं पर्यावरण कहलाता है। पेड़-पौधे, जैव अजैविक तत्व मनुष्य इत्यादि सभी पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं। जिसे हम पर्यावरण कहते हैं


पर्यावरण प्रदूषण

पर्यावरण प्रदूषण मानवीय क्रियाओं से जलवायु एवं मृदा की बहुत अधिक रासायनिक एवं जैविक विशेषताओं में होने वाला वह अवांछनीय परिवर्तन है जो मनुष्य पौधों और जंतुओं को ना केवल नुकसान पहुंचाता है बल्कि उनके अस्तित्व को भी संकट में डाल देता है।


प्रदूषण के प्रकार

जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण

जल प्रदूषण

कारखानों से निकलने वाला प्रदूषित शुद्ध जल और रासायनिक पदार्थ नदियों या समुद्र में गिर कर जल प्रदूषित कर देता है जिससे जलीय जीवों को नुकसान हो रहा है तथा इसको पीने से कई प्रकार की गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं।

वायु प्रदूषण

कारखानों से निकलने वाले धुएं से वायु प्रदूषण हो रहा है यातायात वाहनों से निकलने वाले धुएं से वायु प्रदूषण हो रहा है जिससे मनुष्य के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

ध्वनि प्रदूषण

लाऊडस्पीकरों, गाड़ियों, कारखानों की मशीनरी से निकलने वाली तेज आवाज ध्वनि प्रदूषण की जिम्मेदार हैं जिससे कि मनुष्यों में बहरापन और मानसिक तनाव उत्पन्न होता है।


प्रदूषण के बुरे प्रभाव

प्रदूषण के व्यापक और सर्वाधिक प्रभाव मानव निर्मित ही हैं मानव आधुनिकता की दौड़ में प्रकृति का अत्यधिक दोहन कर रहा है जिससे प्राकृतिक संसाधनों में कमी हो रही है प्रदूषण का मुख्य प्रभाव कारखानों से निकलने वाला जहरीला धुआं रासायनिक पदार्थ पानी में मिलने से पानी, वायु प्रदूषित हो जाते हैं जिससे मनुष्यों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है बढ़ती आबादी भी पर्यावरण प्रदूषण का प्रभाव है या जिम्मेदार है अब दोस्तों अगली हैडिंग है


प्रदूषण को रोकने के उपाय

भारत सरकार को चाहिए पेड़-पौधों और जंगलों की कटाई पर प्रतिबंध लगाए। नदियों में कारखानों का कचरा ना फेंका जाए कारखानों को शहरी क्षेत्र से बाहर स्थापित किया जाए। कूड़े-करकट को कूड़ेदान में फैकना चाहिए। खेतों में प्राकृतिक खाद का उपयोग करना चाहिए यही कुछ उपाय प्रदूषण को रोकने में सहायक या जिम्मेदार हैं। स्वच्छता बेहतर जीवन देती है और पृथ्वी की सुंदरता बनाए रखना हमारी जिम्मेदारियां या कर्तव्य है।


उपसंहार
पर्यावरण मानव जीवन का अभिन्न अंग है पर्यावरण ना सिर्फ हमारे स्वास्थ्य का एक मां की तरह का ख्याल रखता है बल्कि हमें मानसिक रूप से सुख-शांति भी उपलब्ध करवाता है अर्थात पर्यावरण से ही हम है इसलिए हमें पर्यावरण की रक्षा करने चाहिए।


(Set 2) पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 500 शब्दों

प्रस्तावना

पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर और वैश्विक समस्या है यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है जिसके कारण मानव तथा जीव जंतु को घातक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। पर्यावरण प्रदूषण से पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव प्रभावित होते हैं। यह हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। हमें पर्यावरण प्रदूषण को रोकने की बहुत ज्यादा आवश्यकता है।


पर्यावरण प्रदूषण का अर्थ

पर्यावरण में दूषक पदार्थों के कारण प्राकृतिक संतुलन में पैदा होने वाले दोष को पर्यावरण प्रदूषण करते हैं। पर्यावरण प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है वायु, जल, मिट्टी, ध्वनि आदि का अवांछित पदार्थों के कारण दूषित होना।


पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार

पर्यावरण प्रदूषण के मुख्यतः चार प्रकार होते हैं

जल प्रदूषण

नदियों, तालाबों, झीलों, महासागरों जैसे जल स्रोतों में कीटनाशक पदार्थों के मिश्रण से ही जल प्रदूषण उत्पन्न होता है। जल प्रदूषण का एक कारण उद्योगों से निकलने वाला गंदा जल नदियों व तालाबों में जाकर मिलता है यह भी जल प्रदूषण का प्रमुख कारण है।

वायु प्रदूषण

वाहनों, कारखानो और जलने वाले इंधनों से निकलने वाला दुआ हवा को दूषित करता है।


भूमि प्रदूषण

रासायनिक खाद और प्लास्टिक कचरे के कारण मिट्टी की उर्वरता कम होती है इससे खेती भी प्रभावित होती है।


ध्वनि प्रदूषण

वाहनों, लाउड स्पीकर, कारखानों से निकलने वाला शोर पर्यावरण में ध्वनि प्रदूषण करता है।


पर्यावरण प्रदूषण से होने वाली हानियां

पर्यावरण प्रदूषण मानवों के साथ-साथ जीव जंतु, वनस्पति सभी को प्रभावित करता है इससे कई बीमारियां उत्पन्न होती है यह मिट्टी के कटाव वे अवसादन का कारण भी बन सकता है।

पर्यावरण प्रदूषण के समाधान के उपाय

  • अधिक से अधिक पेड़ लगानी चाहिए।
  • वाहनों और कारखानों से निकलने वाले धुंए को कम करना चाहिए।
  • हमें पानी को दूषित नहीं करना चाहिए और पानी बचाना चाहिए।
  • लोगों को पर्यावरण स्वच्छ रखने के लिए जागरूक करना चाहिए।

उपसंहार

पर्यावरण प्रदूषण एक बहुत ही बड़ी और गंभीर समस्या है जिसे हमें रोकना होगा। हमें लोगों में पर्यावरण प्रदूषण को लेकर जागरूकता फैलानी होगी। अगर हम छोटे-छोटे कदम उठाए और पर्यावरण का ध्यान रखें तो हम पर्यावरण प्रदूषण को कम कर सकते हैं वह एक साफ स्वच्छ, हरा भरा स्वस्थ पर्यावरण बना सकते है।




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