बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध | Beti bachao beti padhao nibandh

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विद्यार्थियों जब हमारी परीक्षा में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध आता है तो हम कंफ्यूज हो जाते हैं कि अब इस प्रश्न में उत्तर क्या लिखें। इस लेख में हमने आपके लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर एक बेहतरीन निबंध लिखा है जिसे आप पढ़कर अपनी परीक्षा में लिख सकते हो। आपको इस निबंध को पढ़कर याद जरूर कर लेना चाहिए।


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध (Beti bachao beti padhao nibandh) परीक्षा की दृष्टि से बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ भारत सरकार द्वारा चलाई गई एक प्रसिद्ध योजना है। इस योजना का उद्देश्य समाज में जागरूकता लाना है जिससे की बेटियों को समाज में सम्मान मिल सके और समाज बेटियों की पढ़ाई पर भी ध्यान दें। जिस प्रकार से लिंगानुपात घटता जा रहा है उसे संतुलित करना बहुत ज्यादा आवश्यक है। आप अपना समय गवाए बिन इस बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध को पढ़ाना शुरू कर सकते हो।


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 500 शब्द (Beti bachao beti padhao nibandh)


रूपरेखा

  1. प्रस्तावना
  2. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का अर्थ
  3. योजना की शुरुआत कब से हुई
  4. योजनाएं की शुरुआत क्यों की गई
  5. योजना का उद्देश्य
  6. योजना में क्या होता है?
  7. अभियान का प्रभाव
  8. उपसंहार

प्रस्तावना

बच्चों की रक्षा के लिए संसार में ऊपरवाले ने मां को बनाया है। इस संसार में मां जैसा कोई नहीं होता है। मां अपना निवाला त्याग कर अपने बच्चों को खिला देती है। उसी मां को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है। बेटे और बेटी दोनों को समान समझना चाहिए। यह समाज फिर भी बेटी को सम्मान के साथ जीने की आजादी नहीं देता है। देश के कुछ ऐसे क्षेत्र भी है जहां पर बेटियों को पढ़ाया लिखाया नहीं जाता है। बेटियों को पैदा होने से रोका जाता है। इसी सोच को बदलने और बेटियों को सम्मान देने और बेटियों को पढ़ाने लिखाने के लिए यह अभियान चलाया गया है। बेटियों का भविष्य बनाने के लिए इन्हें पढ़ाना बहुत ज्यादा आवश्यक है। इस अभियान का उद्देश्य केवल बेटियों को पढ़ना नहीं बल्कि सदियों से चली आ रही धार्मिक प्रथाओं और लोगों की मानसिकता को भी बदलना है। बेटियों पढ़ लिख कर शिक्षित होगी तो वह अपने ऊपर हो रहे अन्याय का विरोध कर पाएंगी। अपने अधिकारों को भी सही रूप से समझेगी।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का अर्थ

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ भारत सरकार द्वारा चलाई है एक योजना है जिस का अर्थ है कि बेटियों को बचाओ और बेटियों को पढ़ा लिखा कर शिक्षित बनाओ। बेटी बचाओ का अर्थ हम इस प्रकार समझ सकते है कि बहुत से ऐसे क्षेत्र है जहां पर बेटियों को पैदा होने से पहले ही भ्रूण अवस्था में ही मार दिया जाता है जिसे रोकना बहुत ज्यादा जरूरी है। कन्याओं को पढ़ा लिखा कर शिक्षित बनाना भी बहुत ज्यादा आवश्यक है।


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत कब से हुई?

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का शुभारंभ भारत के प्रधानमंत्री जी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा राज्य के पानीपत जिले में किया था। हरियाणा राज्य में ही इस योजना को शुरू करने का यह उद्देश्य था कि उस समय हरियाणा में 1000 लड़कों पर सिर्फ 775 लड़कियां ही थी। जिसके कारण वहां का लिंगानुपात बहुत ज्यादा गड़बड़ा गया था। इस योजना को पहले देश के कुछ जिलों में लागू किया गया और फिर धीरे-धीरे कर के पूरे देश में योजना को लागू कर दिया गया।


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनाएं की शुरुआत क्यों की गई?

भारत सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने तथा बेटियों के जीवन को बचाने और उन्हें शिक्षित करने के उद्देश्य से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की। देश का हर परिवार केवल लड़का पाने की इच्छा रखता है और इस इच्छा के कारण देश में लिंगानुपात में भारी गिरावट आई है। इसका मतलब यह है कि लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या कम होती जा रही है। इसी अनुपात को बराबर करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी।


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना का मुख्य उद्देश्य भारत देश में निरंतर घट रही महिलाओं की जनसंख्या के अनुपात को संतुलित करना और उनके हक एवं अधिकारों की रक्षा करना है।


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का प्रभाव

भारत सरकार के द्वारा लाई गई इस योजना का निश्चित ही सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। बेटियों के विकास और उनके शिक्षा के लिए सरकार निरंतर इस अभियान के तहत कई सारी योजनाएं लाती रहती है जिसके कारण आज गरीब परिवारों की बेटियों को पढ़ने के लिए कई प्रकार की सुविधा सरकार के द्वारा दी जा रही है। इस अभियान के कारण हमारे देश में बेटियों की जनसंख्या संतुलित हो रही है और बेटियों की स्थिति भी पहले की तुलना में काफी हद तक सुधर चुकी है। इस अभियान के कारण सदियों से चली आ रही दहेज प्रथा पर भी काफी हद तक रोक लग चुकी है। धीरे-धीरे लोग जागरुक हो रहे हैं और लोगों की सोच भी बेटियों के प्रति सकारात्मक हो रही है।


उपसंहार

आज शिक्षा के विस्तार के बाद लोगों की मानसिक सोच में काफी बदलाव आया है हम आज बेटे एवं बेटियों की परिवेश तथा शिक्षण प्रक्रिया को एक समान रखने का प्रयास कर रहे हैं देखा जाए तो आज के समय में बेटों से बेटियां भी पीछे नहीं है वह भी राजनीतिक, विज्ञान, शिक्षा क्षेत्र और बहुत से क्षेत्रों में लड़कों के समान काम कर रहे हैं और देश, समाज, परिवार का नाम रोशन कर रही है।




(Set 2) बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध 300 शब्द


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ भारत सरकार द्वारा चलाई गई एक बहुत प्रसिद्ध योजना है। इसका उद्देश्य महिलाओं से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं वे सेवाओं को महिलाओं तक पहुंचाना और लोगों को जागरूक करना है। इस योजना का शुभारंभ हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा राज्य के पानीपत जिले से किया था।


इस योजना के तहत हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराइयों को समाप्त करने की अपील की है। 2011 की जनगणना के अनुसार हमारे भारत देश में लिंगानुपात 943 है। यह तेजी से नीचे गिरता जा रहा है। इस मुद्दे पर ध्यान देने की हम लोगों को बहुत ज्यादा आवश्यकता है।


प्रारंभ में इस योजना के लिए 100 करोड रुपए का बजट पास हुआ है। योजना का लक्ष्य लैंगिक समानता भी है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा महिला शिक्षा पर भी ध्यान दिया गया है और महिला शिक्षा को प्रोत्साहित किया गया है। लड़कियों महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाएगा। महिलाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा सरकारी और निजी अस्पताल को ले जाएंगे। इस दिशा में प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने अनेक पुरस्कारों की घोषणा की है। जो लड़कियां समाज के लिए आदर्श के रूप में खड़ी होगी, उन्हें पुरस्कार दिया जाएगा। अतः सरकार इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु प्रत्येक व्यक्ति का समर्थन चाहती है।


हमारे देश की आधी आबादी महिलाओं की है उनके विकास के बिना देश प्रगति नहीं कर सकता। समाज में उनका समान दर्ज होना चाहिए। वह हमारे सम्मान के हकदार है। हम आशा करते हैं कि इस कार्यक्रम को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी और यह सफल होगा।




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