
अगर आप भी विद्यालय के विद्यार्थी हो तो यह bhrashtachar par nibandh लेख आपके लिए जरूर उपयोगी है। यह भ्रष्टाचार पर निबंध 1000 शब्द लेख आपको जरूर पढ़ना चाहिए।
भ्रष्टाचार पर निबंध 1000 शब्दों में || bhrashtachar par nibandh
रूपरेखा
- प्रस्तावना
- भ्रष्टाचार का अर्थ
- भारत में बढ़ता भ्रष्टाचार
- भ्रष्टाचार के कारण
- भ्रष्टाचार के प्रकार
- भ्रष्टाचार के दुष्परिणाम
- भ्रष्टाचार रोकने के उपाय
- उपसंहार
प्रस्तावना
भ्रष्टाचार भी किसी जहर से कम नहीं है जो देश, संप्रदाय, समाज और परिवार के कुछ लोगों के दिमाग में बैठ गया है। भ्रष्टाचार लगातार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। जिसके कारण हमारे भारत देश की हालत खराब हो रही है। किसी विशेष और शक्तिशाली पद पर बैठे हुए लोग अपने पद का गलत फायदा उठाकर रिश्वतखोरी, कालाबाजारी, गबन, इत्यादि कार्यों में लिप्त रहते हैं इनके कारण ही हमारे देश में भ्रष्टाचार बढ़ता है।भ्रष्टाचार भी एक दीमक की तरह है जो की धीरे-धीरे हमारे देश को अंदर से खोखला करता जा रहा है। जिसे रोकने के लिए हमें जल्दी कुछ प्रयास करना होगा और इसके खिलाफ हमें जल्द हीआवाज उठाकर कड़े कदम उठाने चाहिए।
भ्रष्टाचार का अर्थ
भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ होता है भ्रष्ट आचरण। भ्रष्टाचार में कुछ शक्तिशाली व्यक्ति अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करते हुए अपने स्वार्थ की कामना के लिए समाज के नैतिक मूल्यों को हानि पहुंचाते हैं भ्रष्टाचार कहलाता है।भ्रष्ट आचरण का अभिप्राय कुछ इस प्रकार होता है कि ऐसा आचरण और क्रियाकलाप जो आदर्शो, मूल्यों, परंपराओं, संवैधानिक मान्यताओं और नियम व कानूनों के अनुरूप न हो। भारतीय संविधान भारतीय जनता, भारतीय मूल्यों और आदर्श के साथ किया गया विश्वासघात भी भ्रष्टाचार है।
भारत में बढ़ता भ्रष्टाचार
वर्तमान समय में भारत में भ्रष्टाचार की जड़े इतनी मजबूत वे गहरी हो चुकी है कि शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र बचा हो जहां पर भ्रष्टाचार ना हो। राजनीतिक शब्द तो भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका है।आज भारत में भ्रष्टाचार हर क्षेत्र में बढ़ रहा है, कालाबाजारी, अपने स्वार्थ के लिए चिकित्सा जैसे क्षेत्र में भी जानबूझकर गलत ऑपरेशन करके पैसे ऐंठना, छोटी बीमारियों को भी बड़ा बताकर उनका इलाज करके मोटी कमाई करना, हर काम पैसे लेकर करना।
किसी भी सामान को सस्ता लाकर महंगे में बेचना। नकली सामान को बेचना, चुनाव धांधली, घूस लेना, टैक्स चोरी करना, ब्लैकमेल करना, परीक्षा में नकल, परीक्षार्थी का गलत मूल्यांकन करना, एग्जाम पेपर लीक करना, हफ्ता वसूली करना, न्यायाधीशों द्वारा पक्षपात पूर्ण निर्णय, वोट के लिए पैसे और शराब बांटना, उच्च पद के लिए भाई भतीजावाद, पैसे लेकर रिपोर्ट छापना, नौकरी पाने से लेकर ट्रांसफर, प्रमोशन हर चीज में घूसखोरी और भ्रष्टाचार है।
भ्रष्टाचार के कारण
- देश का लचीला कानून - भ्रष्टाचार होने का सबसे प्रमुख कारण यह है कि देश का कानून जितना ज्यादा कठोर नहीं है। यहां पर कानून लचीला है। पैसे के दम पर ज्यादातर भ्रष्टाचारी बइज्जत बरी हो जाते हैं इसीलिए अपराध करने वाले अपराधी को दंड भय नहीं रहता।
- व्यक्ति का लोभी स्वभाव - व्यक्ति बहुत ही ज्यादा लालची हो चुके हैं लालच और असंतुष्टि एक ऐसा रोग है जो मनुष्य को बहुत नीचे गिरने पर विवश कर देता है। लालची व्यक्ति के दिमाग में सदैव अपने धन को बढ़ाने की इच्छा उत्पन्न होती है।
- आदत - भ्रष्टाचार की आदत देश में रहने वाले कुछ लोगों को इस प्रकार पड़ गई है कि उन्हें भ्रष्टाचार के अलावा और कोई नजर ही नहीं आता।
- असंतोष - जब किसी को पैसे या किसी चीज के अभाव के कारण कष्ट होता है तो वह भ्रष्ट आचरण (भ्रष्टाचार) करने के लिए अपने आप विवश हो जाता है।
भ्रष्टाचार के प्रकार
- रिश्वत की लेनदेन - घूस लेकर काम करना आज के समय में बहुत ज्यादा बढ़ चुका है सरकारी काम करने के लिए कार्यालय में चपरासी से लेकर उच्च अधिकारी तक घूस लेते हैं जबकि इस काम के लिए उन्हें सरकार प्रति महीने वेतन देती है फिर भी वह घूस लेते हैं। इसके साथ ही लोग अपना काम जल्दी करवाने के लिए भी सरकारी कर्मचारी को घूस देते।
- पैसे देकर चुनाव जीतना - देश में बहुत से ऐसे नेता हैं जो कि चुनाव के समय सरेआम लोगों को पैसे, जमीन, अनेक उपहार तथा मादक पदार्थ बाटकर चुनाव में वोट लेते हैं। इस तरह से यह राजनीतिक भ्रष्टाचार में आता है।
- नागरिकों द्वारा टैस्ट चोरी - सभी देशों में लोगों द्वारा टैक्स देने का एक निश्चित पैमाना होता है लेकिन कुछ लोग सरकार को अपने आय का सही विवरण नहीं देते हैं यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है।
- शिक्षा और खेल क्षेत्र में घूसखोरी - शिक्षा और खेल क्षेत्र में भी घूसखोरी काफी ज्यादा बढ़ गई है। घूस लेकर लोग अयोग्य लोगों को सीट दे देते हैं और मेधावी और योग्य उम्मीदवार सीट नहीं ले पाते हैं।
भ्रष्टाचार के दुष्परिणाम
- भ्रष्टाचार के कारण हमारे भारत देश का आर्थिक विकास धीमा हो गया है।
- भ्रष्टाचार के कारण हमारा देश प्रत्येक क्षेत्र में विश्व के दूसरे देशों की तुलना में पिछड़ता जा रहा है।
- सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं का लाभ भ्रष्टाचार के कारण आम जनता तक वे गरीबों तक नहीं पहुंच पाता है।
- भ्रष्टाचार के कारण योग्य लोग घर में बैठे हैं और अयोग्य लोग अच्छे पदों पर विद्यमान है।
- भारत में भ्रष्टाचार कुछ इस तरह फैल गया है कि अब छोटे-मोटे सरकारी कार्यालयों में काम करवाने के लिए भी घूस देनी पड़ती है।
- भ्रष्टाचार के कारण कालाबाजारी को बढ़ावा मिलता है और नकली माल बाजार में बिकने के लिए भी आता है।
- भ्रष्टाचार के कारण बहुत सी सरकारी परियोजनाएं अधूरी रह जाती है और सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए व्यर्थ में ही खर्च हो जाते हैं।
भ्रष्टाचार दूर करने के उपाय
भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त से सख्त कानून बनाना और अपराध करने वालों को कठोर सजा देना।कानूनी प्रक्रिया में सुधार करना चाहिए जिससे कि समय की बर्बादी ना हो और अपराध करने वालों को जल्दी सजा मिले।
लोकपाल भ्रष्टाचार से जुड़े शिकायतों को सुनने का कार्य करता है अतः देश में फैले भ्रष्टाचार को दूर करने हेतु लोकपाल कानून बनाना आवश्यक है।
इसके अतिरिक्त लोगों में जागरूकता फैलाना प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बनाना। लोगों की सरकार द्वारा न्याय व्यवस्था के प्रति मानसिकता में परिवर्तन करना। वे सही उम्मीदवार को चुनाव में खड़ा होने होने और गलत उम्मीदवार को चुनाव से बाहर करना।
उपसंहार
आज भारत में भ्रष्टाचार कुछ इस तरह बढ़ चुका है कि कुछ ऐसे क्षेत्र है जहां पर भ्रष्टाचार के बिना काम ही नहीं होता है। अगर भ्रष्टाचार को खत्म करना है तो सरकार को सख्त कानून बनाने चाहिए आम जनता को भी अपनी आवाज उठानी चाहिए।
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